खाटू मे फूलों सा फूल जाती हूँ
Singer - Ishrat Jahan
Lyrics Track - Khatu Me Phulo Sa Phul Jati Hu
खाटू मे फूलों सा,
फूल जाती हूँ,
जाने क्या होता है,
सब कुछ भूल जाती हूँ,
जैसे ही चौखट की,
धूल पाती हूँ,
जाने क्या होता है,
सब कुछ भूल जाती हूँ।
मन को भाती है,
सीढी वो तेरह,
पहली पे होता,
दूर अंधेरा,
माँगू मै कैसे,
बिन मांगे मिलता,
मुरझाया मन ये,
फूलो सा खिलता,
सबको तेरे जैकारो मे,
मशगूल पाती हूँ,
जाने क्या होता है,
सब कुछ भूल जाती हूँ l
तीसरी सीढी,
सबसे न्यारी,
चौथी ने मेरी,
किस्मत सवारी,
पांचवी सीढ़ी पे,
जैसे आई,
कानो में मुरली की,
धुनि सुनाई,
दुखों में जब खुद को,
कूल पाती हूँ,
जाने क्या होता है,
सब कुछ भूल जाती हूँ।
सातवीं सीढ़ी,
जब आगे आये,
धड़कन दिलों की,
बढ़ती ही जाए,
आठवीं मन की,
आस जगाये,
दरसन सांवरिया,
जल्दी दिखाए,
और नवी सीढ़ी पर,
जाते ही,
जब सारी बातों को
फिज़ूल पाती हूँ,
जाने क्या होता है,
सब कुछ भूल जाती हूँ।
दस और ग्यारह,
पे हो खेल सारा,
आँखों का बदले,
पल में नजारा,
बारह की छोड़ो,
समझो क्या तेरह,
ठाकुर करे सीधे,
दिल मे बसेरा,
जब दिल से कर,
उसको कुबूल पाती हूँ,
जाने क्या होता है,
सब कुछ भूल जाती हूँ l
खाटू मे फूलों सा,
फूल जाती हूँ,
जाने क्या होता है,
सब कुछ भूल जाती हूँ,
जैसे ही चौखट की,
धूल पाती हूँ,
जाने क्या होता है,
सब कुछ भूल जाती हूँ।
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